कैसा दिखता है हिममानव ?
हिममानव यानि येति को दिखने का जब भी दावा किया जाता हैं .. इसके अस्तित्व पर सवाल उठ खड़े होते हैं .. क्या हिममानव का अस्तित्व है.. और यदि इस बर्फिले इलाके में हिममानव रहता है तो कहां है हिममानव का ठिकाना ... साथ ही इस निर्जन बर्फिले इलाके में वो रहस्यमयी जीव कैसे जिंदा रहता है ... इस तरह के तमाम सवाल सबके जेहन में उठता है.. लेकिन जवाब किसी के पास नहीं है .. दरअसल हिममानव को जब भी देखा गया है .. वो थोड़ी देर के लिए तो दिखाई देता है लेकिवन पल भर में गायब हो जाता है.. . और वो रहस्यमयी जीव कहां बर्फ में गुम में हो जाता है .. ये आज भी रहस्य बना हुआ है ... हिममानव कितना रहस्यमयी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत .. नेपाल और तिब्बत के दुर्गम और निर्जन हिमालय क्षेत्र में सैकड़ों बर्षों से लोग इसे देखते आ रहे हैं.. लेकिन इंसान हिममानव के पहुंच से अब तक हर दूर है ... रहस्यमयी हिममानव यानि येति के अस्तित्व को लेकर तमाम तरह की बातें कही जाती है .. येति को देखने का दावा करने वालों का कहना है .. कि घने बालों वाला ये रहस्यमयी प्राणी सात से नौ फीट लंबा दिखता है ... जबकि इसका वजन तकरीबन दो सौ किलो हो सकता है .. और इसकी खासियत है कि ये इंसान की तरह चलता है ... ऐसा कहा जाता है कि ये रहस्यमयी भीमकाय जीव रात में शिकार करता है .. और दिन में सोता रहता है ..लेकिन येति कभी कभार दिन में भी इंसान को दिख जाता है ... इस रहस्मयी हिम मानव के बारे में जानने की कोशिश लगातार की जा रही है ...लेकिन येति इंसान के पहुंच से आज भी दूर है ... हो सकता है येति की अपनी दुनिया हो .. जहां वो इंसान की पहुंच से दूर बर्फ में सैकड़ों की तादाद में रहता हो .. या ये भी हो सकता है कि हिममानव की तादाद बहुत कम हो .. और वो अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए निर्जल बर्फिले इलाके में छिपने में माहिर हो गया हो ... लेकिन इस तमाम तरह के कयास से परदा तभी उठ पाएगा .. जब हिममानव तक इंसान पहुंच पाएगा ॥
विदेश में भी येति
येति का रहस्य क्या है .. आखिर वो पल भर दिखने के बाद कहां गायब हो जाता है .. ये सवाल हर किसी के लिए पहेली है .. लेकिन इस रहस्मयी प्राणी को हिममानव इस लिए कहा जाता है कि ये ज्यादातर निर्जन बर्फिले इलाके में ही लोगों को दिखता है .. तिब्बत और नेपाल के लोग दो तरह के येति के बारे में बाताते हैं .. जिसमें एक इंसान और बंदर के हैयब्रिड यानि वर्णसंकर की तरह दिखता है ... ये रहस्यमयी हिममानव दो मीटर लंबा और भूरे वालों वाला होता है दूसरे किस्म का येति यानि हिममानव समान्य इंसान से छोटे कद का दिखता है ..जो लाल भूरे बालों वाला होता है ... लेकिन दोनों तरह के हिममानव में सामान्य बात ये पायी जाती है कि .. ये खड़े होकर इंसान की तरह चलते हैं ... और इंसान को चकमा देने में माहिर होते हैं .. ऐसा नहीं है कि हिमामानव का अस्तित्व सिर्फ एशिया में है .. दुनिया भर में हिममानव को सैकड़ो साल से लोग देखने का दावा करते आ रहे हैं .. इस रहस्यमयी प्राणी को दुनिया भर के कई इलाके में अलग अलग नामों से जाना जाता है.... दक्षिण पश्चिमी अमेरिका में हिममानव को बड़े पैरो वाला प्राणी यानि बिग फूट कहा जाता है .. जबकि कनाडा में सास्कयूआच .. अमेजन में मपिंगुअरी... और एशिया में इस रहस्यमयी प्राणी का नाम येति है .. येति शेरपा शब्द है .. जिसमें येह का मतलब चट्टान और तेह का अर्थ जंतु होता है .. यानि चट्टानों का जीव .. शेरपा भाषा में इस रहस्यमयी प्राणी को मिरका .. कांग और मेह- तेह के नाम से भी जाना जाता है ... तिब्बती में इसका अर्थ जादुई प्राणी होता है.. ऐसे में पूरी दुनिया में दिखाई देने वाले इस जादुई प्राणी के अस्तित्व से इंकार नहीं किया जा सकता ... लेकिन हिममानव का कहां है ठिकाना ... ये रहस्य आज भी बरकार है ... हो सकता है हिममानव इंसान के विकास कड़ी हो .. जो बर्फ में हिममानव के रूप में मौजूद हो ... लेकिन इंसान के पास तमाम तरह के अत्याधुनिक साधन होने के बाद भी हिमामानव यानि येति आज भी इंसान की पहुंच से दूर है ..
हिममानव का इतिहास
हिममानव यानि येति दुर्गम बर्फिले इलाके में सदियों से इंसान को दिखता रहा है .लेकिन हिममानव के रहस्य से परदा नहीं उठ पाया है .. आखिर ये हिममानव बर्फिले इलाके में कहां रहता है ... और कहां गायब हो जाता है ... हिममानव के बारे में दुनिया को पहली बार तब पता चला .. जब 1832 में बंगाल के एशियाटिक सोसाइटी के जर्नल में एक पर्वतारोही ने येति के बारे जानकारी दी .. जिसमें ये कहा गया कि उत्तरी नेपाल में ट्रैकिंग के दौरान उसके स्थानीय गाइड ने एक ऐसे प्राणी को देखा ... जो इंसान की तरह दो पैरो पर चल रहा था.. जिसके शरीर पर घने वाल थे .. उस प्राणी को देखते ही वो डर कर भाग गया ... इसके बाद 1889 में एक बार फिर हिमालयी क्षेत्र में पर्वतारोहियों ने बर्फ में ऐसे किसी प्राणी का फूट प्रिंट देखा जो इंसान की तुलना में काफी बड़े था... 20वीं सदी की शुरूआत में भी येति को देखने के मामले तब ज्यादा आने शुरू हुए .. जब पश्चिमी देशों के पर्वतारोहियों ने हिमालय के इस क्षेत्र की चोटियों पर चढ़ने का प्रयास शुरू किया.. .. और फिर 1925 में रॉयल ज्योग्रॉफिकल सोसाइटी के एक फोटोग्राफर ने 15,000 फीट ऊंचाई वाले जेमू ग्लेशियर के पास एक विचित्र प्राणी को देखने की बात कही .. उस फोटोग्राफर ने बताया कि उस विचित्र प्राणी को 200 से 300 गज की दूरी से उसने करीब एक मिनट तक देखा.. जिसकी आकृति ठीक-ठीक इंसान जैसी थी.. वो सीधा खड़े होकर चल रहा था और झाड़ियों के सामने रूक-रूक कर पत्तियां खींच रहा था... बर्फ में वो काला दिख रहा था... इसके बाद 1938 में येति एक बार फिर चर्चा में आया .. विक्टोरिया मेमोरियल, कलकत्ता के क्यूरेटर एक कैप्टेन ने हिमालय की यात्रा के दौरान देखने का दावा किया . जिसमें कैप्टन ने उसे एक उदार और मददगार प्राणी बताया ... कैप्टन के मुताबिक इस यात्रा के दौरान जब वो बर्फीली ढलान पर फिसल कर घायल हो गये थे.. तब प्रागैतिहासिक मानव जैसे दिखने वाले एक 9 फीट लंबे प्राणी ने उसे मौत के मुंह से बचाया था.. 1942 में भी साइबेरिया के जेल से भागने वाले कुछ कैदियों ने भी हिमालय पार करते हुए विशाल बंदरों जैसे प्राणी को देखने का दावा किया...
लेकिन पहली बार ठोस सबूत तब मिला 1951 में एवरेस्ट चोटी पर चढ़ने का प्रयास करने वाले एक पर्वतारोही ने 19,685 फीट की ऊंचाई पर बर्फ पर बने पदचिन्हों के तस्वीर फोटो लिए .. . जिसका आज भी गहन अध्ययन किया जा रहा है .. बहुत से लोग मानते हैं ये फोटो येति की वास्तविकता का बेहरतीन सबूत हैं लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि ये किसी दूसरे सांसारिक जीव के हैं ..इतना ही नहीं 1953 में सर एडमंड हिलरी और तेनजिंग नोर्गे ने भी एवरेस्ट चढ़ाई के दौरान बड़े-बड़े पदचिह्न देखने की बात कही.. और फिर 1960 में सर एडमंड हिलेरी के नेतृत्व में एक दल ने येति से जुड़े सबूतों को इक्ट्ठा करने के लिए हिमालय क्षेत्र की यात्रा की.. जिसमें इंफ्रारेड फोटोग्राफी की मदद ली गयी लेकिन 10 महीने वहां रहने के बाद भी इस दल को येति के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाये.. इसके एक दशक बाद 1970 में एक ब्रिटिश पर्वतारोही ने दावा किया कि अन्नपूर्णा चोटी पर चढ़ने के दौरान उन्होंने एक विचित्र प्राणी को देखा और रात में कैम्प के नजदीक विचित्र तरह के चीत्कार सुने.. उनके शेरपा गाइड ने बताया कि ये आवाज येति की है.. सुबह उस कैम्प के नजदीक इंसान जैसे बड़े पदचिन्ह भी देखे.. हाल के दिनों में येति देखने की बात करें तो 1998 में एक अमरीकी पर्वतारोही ने एवरेस्ट से चीन की तरफ से उतरते हुए येति के एक जोड़े को देखने का दावा किया.. उस पर्वतारोही के मुताबिक दोनों के काले फर थे और वे सीधे खड़े होकर चल रहे थे .. 2008 में भी मेघालय में हिममानव यानि येति को देखने का दावा किया गया .. जिसे गारो हिल्स की पहाड़ियों में देखा गया ... लेकिन किसी के ठिक सामने आज तक नहीं आया है.. हो सकता है इस हिममानव का हिमालय के क्षेत्रो में अस्तित्व हो .. जो इंसान के सामने नहीं आना चाहाता हो .. ऐसे में जबतक इंसान हिममानव तक नहीं पहुंच जाता .. ये प्राणी रहस्यमयी बना रहेगा ..
हिममानव रहस्य
बर्फिले निर्जन इलाके में दिखने वाला रहस्यमयी हिममानव यानि येति अब तक दुर्गम इलाके में ही देखा गया है .. लेकिन निर्जन पहाड़ों के बर्फिली चोटियों के बीच वो कहां गायब हो जाता है .. इससे हर कोई अंजान है ... येति का यदि बर्फ में ठिकाना है.. तो हो सकता है कि येति पहाड़ के किसी गुफा में रहता हो .. या फिर येति बर्फ में छिपने माहिर हो .. तभी तो थोड़ी देर दिखने के बाद वो गायब हो जाता है ... अब तक जिसने भी हिममानव को देखा .. सभी का दावा है कि उसका आकार काफी बड़ा है .. जो किसी दावन की तरह दिखता है .. लेकिन जहां भी हिममानव देखा गया है .. उसमें ये कहा गया कि हिममानव इंसान की तरह दो पैरो पर चलता है.. इसके साथ ही शरीर पर काले भूरे बाल होने की बात सामने आई है .. ऐसे में हो सकता है कि हिममानव इंसान का पूर्वज हो .. जो इंसान के विकास की कड़ी हो.. और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए दुर्गम बर्फिले में छिप कर रहता हो .. और इंसान के सामने नहीं आना चाहता हो .. इसलिए आज तक हिममानव का इंसान से आमना सामना नहीं हो पाया है .. हो सकता है हजारों साल से बर्फ में रहने को आदी हो चुके हिमामानव इंसान को दुश्मन समझता हो .. इस लिए जब हिममानव और इंसान की नजरें मिलती है .. छिपने में माहिर ये प्राणी गायब हो जाता है .. लेकिन ये तमाम तरह के कयास है .. और जब तक इंसान और हिममानव का आमना सामना नहीं हो जाता है ..या फिर हिममानव का ठिकाना ढुढ नहीं लिया जाता है .. हिममानव यानि येति रहस्यमयी प्राणी बना रहेगा ..
हिममानव यानि येति को दिखने का जब भी दावा किया जाता हैं .. इसके अस्तित्व पर सवाल उठ खड़े होते हैं .. क्या हिममानव का अस्तित्व है.. और यदि इस बर्फिले इलाके में हिममानव रहता है तो कहां है हिममानव का ठिकाना ... साथ ही इस निर्जन बर्फिले इलाके में वो रहस्यमयी जीव कैसे जिंदा रहता है ... इस तरह के तमाम सवाल सबके जेहन में उठता है.. लेकिन जवाब किसी के पास नहीं है .. दरअसल हिममानव को जब भी देखा गया है .. वो थोड़ी देर के लिए तो दिखाई देता है लेकिवन पल भर में गायब हो जाता है.. . और वो रहस्यमयी जीव कहां बर्फ में गुम में हो जाता है .. ये आज भी रहस्य बना हुआ है ... हिममानव कितना रहस्यमयी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत .. नेपाल और तिब्बत के दुर्गम और निर्जन हिमालय क्षेत्र में सैकड़ों बर्षों से लोग इसे देखते आ रहे हैं.. लेकिन इंसान हिममानव के पहुंच से अब तक हर दूर है ... रहस्यमयी हिममानव यानि येति के अस्तित्व को लेकर तमाम तरह की बातें कही जाती है .. येति को देखने का दावा करने वालों का कहना है .. कि घने बालों वाला ये रहस्यमयी प्राणी सात से नौ फीट लंबा दिखता है ... जबकि इसका वजन तकरीबन दो सौ किलो हो सकता है .. और इसकी खासियत है कि ये इंसान की तरह चलता है ... ऐसा कहा जाता है कि ये रहस्यमयी भीमकाय जीव रात में शिकार करता है .. और दिन में सोता रहता है ..लेकिन येति कभी कभार दिन में भी इंसान को दिख जाता है ... इस रहस्मयी हिम मानव के बारे में जानने की कोशिश लगातार की जा रही है ...लेकिन येति इंसान के पहुंच से आज भी दूर है ... हो सकता है येति की अपनी दुनिया हो .. जहां वो इंसान की पहुंच से दूर बर्फ में सैकड़ों की तादाद में रहता हो .. या ये भी हो सकता है कि हिममानव की तादाद बहुत कम हो .. और वो अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए निर्जल बर्फिले इलाके में छिपने में माहिर हो गया हो ... लेकिन इस तमाम तरह के कयास से परदा तभी उठ पाएगा .. जब हिममानव तक इंसान पहुंच पाएगा ॥
विदेश में भी येति
येति का रहस्य क्या है .. आखिर वो पल भर दिखने के बाद कहां गायब हो जाता है .. ये सवाल हर किसी के लिए पहेली है .. लेकिन इस रहस्मयी प्राणी को हिममानव इस लिए कहा जाता है कि ये ज्यादातर निर्जन बर्फिले इलाके में ही लोगों को दिखता है .. तिब्बत और नेपाल के लोग दो तरह के येति के बारे में बाताते हैं .. जिसमें एक इंसान और बंदर के हैयब्रिड यानि वर्णसंकर की तरह दिखता है ... ये रहस्यमयी हिममानव दो मीटर लंबा और भूरे वालों वाला होता है दूसरे किस्म का येति यानि हिममानव समान्य इंसान से छोटे कद का दिखता है ..जो लाल भूरे बालों वाला होता है ... लेकिन दोनों तरह के हिममानव में सामान्य बात ये पायी जाती है कि .. ये खड़े होकर इंसान की तरह चलते हैं ... और इंसान को चकमा देने में माहिर होते हैं .. ऐसा नहीं है कि हिमामानव का अस्तित्व सिर्फ एशिया में है .. दुनिया भर में हिममानव को सैकड़ो साल से लोग देखने का दावा करते आ रहे हैं .. इस रहस्यमयी प्राणी को दुनिया भर के कई इलाके में अलग अलग नामों से जाना जाता है.... दक्षिण पश्चिमी अमेरिका में हिममानव को बड़े पैरो वाला प्राणी यानि बिग फूट कहा जाता है .. जबकि कनाडा में सास्कयूआच .. अमेजन में मपिंगुअरी... और एशिया में इस रहस्यमयी प्राणी का नाम येति है .. येति शेरपा शब्द है .. जिसमें येह का मतलब चट्टान और तेह का अर्थ जंतु होता है .. यानि चट्टानों का जीव .. शेरपा भाषा में इस रहस्यमयी प्राणी को मिरका .. कांग और मेह- तेह के नाम से भी जाना जाता है ... तिब्बती में इसका अर्थ जादुई प्राणी होता है.. ऐसे में पूरी दुनिया में दिखाई देने वाले इस जादुई प्राणी के अस्तित्व से इंकार नहीं किया जा सकता ... लेकिन हिममानव का कहां है ठिकाना ... ये रहस्य आज भी बरकार है ... हो सकता है हिममानव इंसान के विकास कड़ी हो .. जो बर्फ में हिममानव के रूप में मौजूद हो ... लेकिन इंसान के पास तमाम तरह के अत्याधुनिक साधन होने के बाद भी हिमामानव यानि येति आज भी इंसान की पहुंच से दूर है ..
हिममानव का इतिहास
हिममानव यानि येति दुर्गम बर्फिले इलाके में सदियों से इंसान को दिखता रहा है .लेकिन हिममानव के रहस्य से परदा नहीं उठ पाया है .. आखिर ये हिममानव बर्फिले इलाके में कहां रहता है ... और कहां गायब हो जाता है ... हिममानव के बारे में दुनिया को पहली बार तब पता चला .. जब 1832 में बंगाल के एशियाटिक सोसाइटी के जर्नल में एक पर्वतारोही ने येति के बारे जानकारी दी .. जिसमें ये कहा गया कि उत्तरी नेपाल में ट्रैकिंग के दौरान उसके स्थानीय गाइड ने एक ऐसे प्राणी को देखा ... जो इंसान की तरह दो पैरो पर चल रहा था.. जिसके शरीर पर घने वाल थे .. उस प्राणी को देखते ही वो डर कर भाग गया ... इसके बाद 1889 में एक बार फिर हिमालयी क्षेत्र में पर्वतारोहियों ने बर्फ में ऐसे किसी प्राणी का फूट प्रिंट देखा जो इंसान की तुलना में काफी बड़े था... 20वीं सदी की शुरूआत में भी येति को देखने के मामले तब ज्यादा आने शुरू हुए .. जब पश्चिमी देशों के पर्वतारोहियों ने हिमालय के इस क्षेत्र की चोटियों पर चढ़ने का प्रयास शुरू किया.. .. और फिर 1925 में रॉयल ज्योग्रॉफिकल सोसाइटी के एक फोटोग्राफर ने 15,000 फीट ऊंचाई वाले जेमू ग्लेशियर के पास एक विचित्र प्राणी को देखने की बात कही .. उस फोटोग्राफर ने बताया कि उस विचित्र प्राणी को 200 से 300 गज की दूरी से उसने करीब एक मिनट तक देखा.. जिसकी आकृति ठीक-ठीक इंसान जैसी थी.. वो सीधा खड़े होकर चल रहा था और झाड़ियों के सामने रूक-रूक कर पत्तियां खींच रहा था... बर्फ में वो काला दिख रहा था... इसके बाद 1938 में येति एक बार फिर चर्चा में आया .. विक्टोरिया मेमोरियल, कलकत्ता के क्यूरेटर एक कैप्टेन ने हिमालय की यात्रा के दौरान देखने का दावा किया . जिसमें कैप्टन ने उसे एक उदार और मददगार प्राणी बताया ... कैप्टन के मुताबिक इस यात्रा के दौरान जब वो बर्फीली ढलान पर फिसल कर घायल हो गये थे.. तब प्रागैतिहासिक मानव जैसे दिखने वाले एक 9 फीट लंबे प्राणी ने उसे मौत के मुंह से बचाया था.. 1942 में भी साइबेरिया के जेल से भागने वाले कुछ कैदियों ने भी हिमालय पार करते हुए विशाल बंदरों जैसे प्राणी को देखने का दावा किया...
लेकिन पहली बार ठोस सबूत तब मिला 1951 में एवरेस्ट चोटी पर चढ़ने का प्रयास करने वाले एक पर्वतारोही ने 19,685 फीट की ऊंचाई पर बर्फ पर बने पदचिन्हों के तस्वीर फोटो लिए .. . जिसका आज भी गहन अध्ययन किया जा रहा है .. बहुत से लोग मानते हैं ये फोटो येति की वास्तविकता का बेहरतीन सबूत हैं लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि ये किसी दूसरे सांसारिक जीव के हैं ..इतना ही नहीं 1953 में सर एडमंड हिलरी और तेनजिंग नोर्गे ने भी एवरेस्ट चढ़ाई के दौरान बड़े-बड़े पदचिह्न देखने की बात कही.. और फिर 1960 में सर एडमंड हिलेरी के नेतृत्व में एक दल ने येति से जुड़े सबूतों को इक्ट्ठा करने के लिए हिमालय क्षेत्र की यात्रा की.. जिसमें इंफ्रारेड फोटोग्राफी की मदद ली गयी लेकिन 10 महीने वहां रहने के बाद भी इस दल को येति के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाये.. इसके एक दशक बाद 1970 में एक ब्रिटिश पर्वतारोही ने दावा किया कि अन्नपूर्णा चोटी पर चढ़ने के दौरान उन्होंने एक विचित्र प्राणी को देखा और रात में कैम्प के नजदीक विचित्र तरह के चीत्कार सुने.. उनके शेरपा गाइड ने बताया कि ये आवाज येति की है.. सुबह उस कैम्प के नजदीक इंसान जैसे बड़े पदचिन्ह भी देखे.. हाल के दिनों में येति देखने की बात करें तो 1998 में एक अमरीकी पर्वतारोही ने एवरेस्ट से चीन की तरफ से उतरते हुए येति के एक जोड़े को देखने का दावा किया.. उस पर्वतारोही के मुताबिक दोनों के काले फर थे और वे सीधे खड़े होकर चल रहे थे .. 2008 में भी मेघालय में हिममानव यानि येति को देखने का दावा किया गया .. जिसे गारो हिल्स की पहाड़ियों में देखा गया ... लेकिन किसी के ठिक सामने आज तक नहीं आया है.. हो सकता है इस हिममानव का हिमालय के क्षेत्रो में अस्तित्व हो .. जो इंसान के सामने नहीं आना चाहाता हो .. ऐसे में जबतक इंसान हिममानव तक नहीं पहुंच जाता .. ये प्राणी रहस्यमयी बना रहेगा ..
हिममानव रहस्य
बर्फिले निर्जन इलाके में दिखने वाला रहस्यमयी हिममानव यानि येति अब तक दुर्गम इलाके में ही देखा गया है .. लेकिन निर्जन पहाड़ों के बर्फिली चोटियों के बीच वो कहां गायब हो जाता है .. इससे हर कोई अंजान है ... येति का यदि बर्फ में ठिकाना है.. तो हो सकता है कि येति पहाड़ के किसी गुफा में रहता हो .. या फिर येति बर्फ में छिपने माहिर हो .. तभी तो थोड़ी देर दिखने के बाद वो गायब हो जाता है ... अब तक जिसने भी हिममानव को देखा .. सभी का दावा है कि उसका आकार काफी बड़ा है .. जो किसी दावन की तरह दिखता है .. लेकिन जहां भी हिममानव देखा गया है .. उसमें ये कहा गया कि हिममानव इंसान की तरह दो पैरो पर चलता है.. इसके साथ ही शरीर पर काले भूरे बाल होने की बात सामने आई है .. ऐसे में हो सकता है कि हिममानव इंसान का पूर्वज हो .. जो इंसान के विकास की कड़ी हो.. और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए दुर्गम बर्फिले में छिप कर रहता हो .. और इंसान के सामने नहीं आना चाहता हो .. इसलिए आज तक हिममानव का इंसान से आमना सामना नहीं हो पाया है .. हो सकता है हजारों साल से बर्फ में रहने को आदी हो चुके हिमामानव इंसान को दुश्मन समझता हो .. इस लिए जब हिममानव और इंसान की नजरें मिलती है .. छिपने में माहिर ये प्राणी गायब हो जाता है .. लेकिन ये तमाम तरह के कयास है .. और जब तक इंसान और हिममानव का आमना सामना नहीं हो जाता है ..या फिर हिममानव का ठिकाना ढुढ नहीं लिया जाता है .. हिममानव यानि येति रहस्यमयी प्राणी बना रहेगा ..
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